जानिए द्रोपदी मुर्मू ने क्लर्क से प्रेसिडेंट कैंडिडेट तक का सफर कैसे किया

द्रोपदी मुर्मू हिंदी बायोग्राफी

द्रोपदी मुर्मू ने कठिनाइयों से भरा रहा द्रोपदी मुर्मू का जीवन द्रोपदी मुर्मू ने अपने जीवन में कई सारी कठिनाइयों का सामना किया।

द्रोपदी मुर्मू  का जन्म 30 जून 1958 को उड़ीसा में। द्रोपदी मुर्मू एक आदिवासी परिवार से है

द्रोपदी मुर्मू की शादी हुई और उनके दो बेटे और एक बेटी हुई लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने पति और दोनों बेटों को खो दिया। उसके बाद उनके घर में कोई नहीं था सिर्फ द्रोपदी मुर्मू और उनकी एक बेटी सारी जिम्मेदारी द्रोपति मुर्मू के ऊपर आ गई थी को पढ़ाने की जिम्मेदारी तो द्रोपदी मुर्मू ने एक टीचर के रूप में करियर की शुरुआत की।

द्रोपदी मुर्मू ने उड़ीसा के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ  सहायक यानी कि क्लर्क के रूप में नौकरी की।

द्रोपदी मुर्मू ने अपना परिवार चलाया और अपनी जिम्मेदारी निभाई बेटी को पढ़ाया और इससे इस काबिल बनाया कि एक अच्छा और जाना माना नाम हो।

द्रोपदी मुर्मू की बेटी का नाम है इत्ती मुर्मू। बेटी ने भी पढ़ाई के बाद एक बैंक में नौकरी ढूंढ ली।

इत्ती मुर्मू रांची में रहती हैं और वही झारखंड के एक गणेश नाम के लड़के से शादी कर चुकी हैं और इतनी की एक बेटी है जिसका नाम है आत्याश्री।

द्रोपदी मुर्मू ने अपने जीवन में कई सारी कठिनाइयों का सामना किया लेकिन कभी हार नहीं मानी बाधाओं को पार किया.. और रामा देवी महिला कॉलेज से आर्ट्स में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की थी।

द्रोपदी मुर्मू की राजनीतिक कैरियर।

द्रोपदी मुर्मू ने साल 1997 में के ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में 11 पार्षद के रूप में आदि अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया।

फिर साल 2020 में मैं ओड़िशा सरकार में मंत्री बनी रायरंगपुर से दो बार विधायक रही द्रोपदी मुर्मू ने साल 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर जीत हासिल की, जब बीजू जनता दल (BJP) ने ओडिशा के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था।

द्रोपदी मुर्मू को साल 2007 में उड़ीसा विधानसभा द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था,

उसके पास ओड़िशा सरकार में परिवहन वाणिज्य मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालय को संभालने का अनुभव है

द्रोपदी मुर्मू इससे पहले भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए दावेदार थे इसके लिए उनकी सादगी और उनके स्वभाव का तर्क दिया गया था।

लेकिन तब भी नहीं बन सकी थी लेकिन इस बार उन्होंने अपनी जीत हासिल कर ली राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया 21 जुलाई 2022 मैं राष्ट्रपति की सीट हासिल कर ली।

अब द्रोपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति है

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